राष्ट्रीय करेंट अफेयर्स
भारतीय रेलवे ने सबसे एडवांस्ड इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम की स्थापना की
भारतीय रेलवे ने सबसे व्यस्त सेक्शन ‘ग्रैंड कॉर्ड रूट’ पर सबसे एडवांस्ड इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम की स्थापना की है। इस एडवांस्ड व सुरक्षित इलेक्ट्रॉनिक इंटरलॉकिंग सिस्टम की स्थापना उत्तर प्रदेश में टुंडला जंक्शन पर की गयी है।
मुख्य बिंदु
नए इलेक्ट्रॉनिक सिस्टम के द्वारा 65 वर्ष पुराने मैकेनिकल सिग्नलिंग को रीप्लेस किया गया है। इस नए सिस्टम से रेलवे ट्रेनों की गति को बढ़ा सकेगा, इसके द्वारा दिल्ली व हावड़ा के बीच यात्रा के समय को 17-19 घंटे से घटाकर 12 घंटे तक किया जा सकेगा।
टुंडला जंक्शन ही क्यों? इस रूट में निर्धारित क्षमता से 160% अधिक कार्य किया जाता है। टुंडला में 613 रूट कॉम्बिनेशन है।
ग्रैंड कॉर्ड रूट
ग्रैंड कॉर्ड रूट हावड़ा-गया-दिल्ली लाइन तथा हावड़ा-इलाहबाद-मुंबई लाइन का हिस्सा है। यह पश्चिम बंगाल में सीतारामपुर तथा उत्तर प्रदेश में पंडित दीनदयाल उपाध्याय जंक्शन के बीच लिंक का कार्य करता है। इस रूट से कई महत्वपूर्ण रेलगाडियां गुज़रती हैं जो राष्ट्रीय राजधानी को देश के पूर्वी क्षेत्र से जोड़ती हैं। इसकी लम्बाई लगभग 450 किलोमीटर है।
अपराधियों को पकड़ने के लिए भारत सरकार इस्तेमाल करेगी फेस रिकग्निशन सिस्टम
भारत सरकार ने विश्व भर की आईटी कंपनियों को विश्व के सबसे बड़े फेशियल रिकग्निशन सिस्टम की स्थापना के लिए NCRB (राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो) को प्रस्ताव भेजने के लिए कहा है। बोली में विजेता रहने वाली कंपनी नेशनल ऑटोमेटेड फेशिअल रिकग्निशन सिस्टम (AFRS) की स्थापना करेगी। इसके द्वारा सूचना एकत्रीकरण, पुलिस बल के आधुनिकरण, अपराधी की पहचान निश्चित करने तथा सत्यापन में काफी सहायता मिलेगी।
नेशनल ऑटोमेटेड फेशिअल रिकग्निशन सिस्टम (AFRS)
यह सिस्टम भारत के CCTV कैमरा नेटवर्क से चित्रों का मिलान करेगा। इसमें कई सरकारी एजेंसियों से डाटा लिया जाएगा। इससे एक मज़बूत नेटवर्क सिस्टम बनेगा जिसके द्वारा अपराधियों की पहचान की जा सकती है, लापता बच्चों को ढूंढा जा सकता है तथा अज्ञात लाशों की पहचान की जा सकती है। NCRB के डाटा के अनुसार 2015 के मुकाबले 2017 में 3.6% की वृद्धि हुई है।
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो की स्थापना 11 मार्च 1986 को अपराध और अपराधियों की सूचना के संग्रह एवं स्रोत (repository) के रूप में की गई थी, जिससे कि अपराध को अपराधियों से जोड़ने में खोजकर्ताओं को सहायता मिल सके। इसका मुख्यालय नई दिल्ली में है। इसके प्रमुख ईश कुमार है।
आदर्श वाक्य – सूचना प्रौद्योगिकी के साथ भारतीय पुलिस को सशक्त बनाना है।
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