जस्टिस एस ए बोबडे भारत के 47वें मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किये गये
chief justice of india |
भारत के राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने 29 अक्टूबर 2019 को जस्टिस शरद अरविंद बोबडे (एस ए बोबडे) को देश का नया मुख्य न्यायाधीश बनाने के प्रस्ताव को मंजूरी प्रदान की है. वे 18 नवंबर को भारत के नये मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ लेंगे. मौजूदा मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई 17 नवंबर 2019 को सेवानिवृत्त हो रहे हैं. जस्टिस बोबडे भारत के 47वें मुख्य न्यायाधीश होंगे.
राष्ट्रपति के इस निर्णय से पहले मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने नियमानुसार जस्टिस बोबडे को अगला मुख्य न्यायधीश बनाने के लिए प्रस्ताव भेजा था, जिसे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद द्वारा पारित कर दिया गया है. गौरतलब है कि रामजन्म भूमि मामले में सुनवाई कर रहे पांच जजों की पीठ में जस्टिस एस ए बोबडे भी शामिल हैं.
जस्टिस एस ए बोबडे के बारे में
• जस्टिस एस ए बोबडे का जन्म 24 अप्रैल 1956 को महाराष्ट्र के नागपुर में हुआ था.
• उन्होंने नागपुर विश्वविद्यालय से स्नातक और एलएलबी की डिग्री प्राप्त की है.
• जस्टिस एस ए बोबडे ने वर्ष 1978 में बार काउंसिल ऑफ़ महाराष्ट्र ज्वाइन किया था. वह वर्ष 1998 में भारत के वरिष्ठ वकील बने थे.
• वर्ष 2000 में जस्टिस बोबडे ने बॉम्बे हाईकोर्ट में बतौर एडिशनल जज के रूप में कार्यभार संभाला था.
• आगे चलकर वे मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बने.
• वर्ष 2013 में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में जज के पद पर कमान संभाली.
• वे 23 अप्रैल 2021 को सेवानिवृत्त होंगे.
• जस्टिस बोबडे आधार, वायु प्रदूषण और पटाखों पर प्रतिबन्ध जैसे फैसलों पर प्रमुख भूमिका निभा चुके हैं.
• जस्टिस एस ए बोबडे का जन्म 24 अप्रैल 1956 को महाराष्ट्र के नागपुर में हुआ था.
• उन्होंने नागपुर विश्वविद्यालय से स्नातक और एलएलबी की डिग्री प्राप्त की है.
• जस्टिस एस ए बोबडे ने वर्ष 1978 में बार काउंसिल ऑफ़ महाराष्ट्र ज्वाइन किया था. वह वर्ष 1998 में भारत के वरिष्ठ वकील बने थे.
• वर्ष 2000 में जस्टिस बोबडे ने बॉम्बे हाईकोर्ट में बतौर एडिशनल जज के रूप में कार्यभार संभाला था.
• आगे चलकर वे मध्य प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बने.
• वर्ष 2013 में उन्होंने सुप्रीम कोर्ट में जज के पद पर कमान संभाली.
• वे 23 अप्रैल 2021 को सेवानिवृत्त होंगे.
• जस्टिस बोबडे आधार, वायु प्रदूषण और पटाखों पर प्रतिबन्ध जैसे फैसलों पर प्रमुख भूमिका निभा चुके हैं.
रंजन गोगोई का कार्यकाल
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने मुख्य न्यायाधीश के रूप में अयोध्या-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) जैसे ऐतिहासिक मामलों की अध्यक्षता की और महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं. मुख्य न्यायाधीश गोगोई ने परंपरा के अनुसार सरकार को पत्र लिखकर जस्टिस बोबडे का नाम अपने उत्तराधिकारी के रूप में सौंपा था. नियम के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश को अपने रिटायरमेंट से एक महीने पहले अपने उत्तराधिकारी के रूप में अगले वरिष्ठतम न्यायाधीश की सिफारिश भेजनी होती है.
मुख्य न्यायाधीश रंजन गोगोई ने मुख्य न्यायाधीश के रूप में अयोध्या-बाबरी मस्जिद भूमि विवाद और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) जैसे ऐतिहासिक मामलों की अध्यक्षता की और महत्वपूर्ण निर्णय लिए हैं. मुख्य न्यायाधीश गोगोई ने परंपरा के अनुसार सरकार को पत्र लिखकर जस्टिस बोबडे का नाम अपने उत्तराधिकारी के रूप में सौंपा था. नियम के अनुसार, मुख्य न्यायाधीश को अपने रिटायरमेंट से एक महीने पहले अपने उत्तराधिकारी के रूप में अगले वरिष्ठतम न्यायाधीश की सिफारिश भेजनी होती है.
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