पाकिस्तान ने भारत के साथ डाक सेवा बंद की, इतिहास में पहली बार हुआ ऐसा
पाकिस्तान ने हाल ही में भारत से डाक मेल सेवा बंद कर दी है. भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के बाद इतिहास में पहली बार ऐसा हुआ है. दोनों देशों के बीच इतना तनाव होने के बावजूद भी यह सेवा कभी बंद नहीं हुई थी.
केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा की पाकिस्तान का डाक सेवा बंद करने का एकतरफा निर्णय अंतरराष्ट्रीय नियमों का सीधा उल्लंघन करता है. यह फैसला पाकिस्तान ने भारत को बिना नोटिस दिये किया है.
यह पहली बार है जब पाकिस्तान ने भारत के साथ डाक सेवा रोकी है. रिपोर्ट के अनुसार, यह कदम जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 के प्रावधान हटाने के जवाब में उठाया गया है. केंद्रीय मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने 21 अक्टूबर 2019 को आधिकारिक रूप से इस बात की घोषणा की है कि पाकिस्तान ने भारत के साथ डाक मेल सेवा को बंद कर दिया है.
कुल 28 विदेशी पोस्ट ऑफिस (एफपीओ) भारत में हैं. ये पोस्ट ऑफिस विदेशी डाक सेवाओं का काम देखते हैं. इनमें से दिल्ली तथा मुंबई के एफपीओ पाकिस्तान से जुड़ी डाक को देखते हैं. पाकिस्तान अनुच्छेद 370 पर भारत के फैसले के विरोध में समझौता एक्सप्रेस सेवा भी रोक दी है. इसके अतिरिक्त उसने भारत के साथ प्रत्येक तरह के व्यापार पर भी रोक लगा दी है.
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मुख्य बिंदु:
• पाकिस्तान ने 27 अगस्त 2019 को भारतीय डाक अधिकारियों से अपने देश के लिए डाक मेल की एक खेप को स्वीकार किया था, उसके बाद से यह सेवा बंद है.
• डाक सेवाओं के निदेशक आरवी चौधरी ने कहा कि यह एकतरफा फैसला उनकी तरफ से था. इस तरह का फैसला पहली बार किया गया है.
• अंतरराष्ट्रीय खेपों से निपटने हेतु देश भर के 28 विदेशी डाकघरों (एफपीओ) में से केवल दिल्ली एवं मुंबई एफपीओ को ही पाकिस्तान को डाक मेल भेजने तथा आने वाले के लिए नामित किया गया है.
• एफपीओ को जम्मू-कश्मीर के अतिरिक्त छह राज्यों राजस्थान, उत्तर प्रदेश, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब एवं हिमाचल प्रदेश से आने वाली खेप हेतु नोडल एजेंसी बनाया गया है.
हाल ही के समय में भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ा है. भारत द्वारा जम्मू-कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा वापस लेने हेतु भारत ने संविधान के अनुच्छेद 370 के कुछ प्रावधानों को समाप्त किया है.
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